Material- pure brass
Shape - meru
Weight -525 gm
Size -2.5 ×2.5 inches
Perfect cone and edge according to shashtra and vastu
WHAT IS MERU SHRIYANTRA AND IMPORTANCE - Meru yantra is a highly powerful and auspicious yantra that behold supremacy of shriyantra . The name came from the name of mountain that is spritully known to be the centre of all spritual and physical universe according to Indian mythology the same spirituality and powers the yantra radiates when the possesser worship the same with a pure heart and mind . whether it is any financial problems and personal setback meru shriyantra has an answer to all .it work as a strong medium to remove all obstacles and pave way for a healthy , wealthy and happy life , it brings prosperity and luxury .
धन की देवी मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करने के लिए श्रीयंत्र की पूजा बहुत प्रभावशाली मानी गई है। कहा जाता है कि श्रीयंत्र की पूजा करने से मां लक्ष्मी की विशेष कृपा प्राप्त होती है इसलिए लोग अपने घर में श्रीयंत्र की स्थापना करके पूजा और अराधना करते हैं। यदि विधि-विधान के साथ श्रीयंत्र की पूजा की जाती है वहां सदैव सुख-संपत्ति, सौभाग्य और ऐश्वर्य बना रहता है। यदि आपने अपने घर में श्रीयंत्र की स्थापना की है या करने जा रहे हैं तो इससे संबंधित नियमों का पालन करना भी कुछ बेहद जरूरी है। यदि इन बातों को ध्यान में न रखा जाए तो श्रीयंत्र पूजा करने का उचित फल प्राप्त नहीं होता है। जानते हैं वे बातें जिन्हें श्रीयंत्र की स्थापना करने से पहले ध्यान रखना चाहिए। अगर घर में श्रीयंत्र रख रहे हैं तो उसे भी पूजा स्थान में रखें और देव समान ही नियमित रूप से पूजा करें। शुक्रवार के दिन मां लक्ष्मी के साथ श्री यंत्र की पूजा अवश्य करें। इस बात का ध्यान रखें कि एक बार श्री यंत्र को स्थापित करने के बाद रोजाना उसकी पूजा जरूर करनी चाहिए। इसकी पूजा न करने से आपको कोई लाभ प्राप्त नहीं होता है इसके अलावा इसके नकारात्मक प्रभाव भी पड़ सकते हैं कोई भी यंत्र आकृतियों, चिन्हों और अंको को उकेरकर बनाया जाता है, किसी भी यंत्र का पूर्ण लाभ प्राप्त करने के लिए उसका सही तरह से बना हुआ होना आवश्यक है। यदि आप श्रीयंत्र को घर में स्थापित कर रहे हैं तो भलभांति जांच लें कि श्रीयंत्र सही बना हो, गलत श्रीयंत्र की पूजा करने से कोई लाभ प्राप्त नहीं होता है। श्रीयंत्र को यन्त्र्राज व यंत्र्शिरोमणि भी कहा जाता है। वास्तव में यह यंत्र सम्पूर्ण ब्रह्मांड का प्रतीक माना जाता है। इस यंत्र को महात्रिपुरी सुंदरी देवी का पूजा स्थल भी माना जाता है। कहते हैं कि यह एक अकेला ऐसा यंत्र है जिसकी पूजा करने से समस्त देवी-देवताओं की पूजा एक साथ हो जाती है। श्रीयंत्र साधना के लाभ : श्री वास्तव में लक्ष्मी, संपत्ति और विद्या आदि गुण के सम्मिलित रूप को कहा जाता है। इसलिए श्रीयंत्र की साधना करने वाले व्यक्ति को न केवल धन-संपत्ति में लाभ होता है, बल्कि विद्या क्षेत्र में भी ऊँचाइयाँ छूने का मौका मिलता है।
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